Sunday, December 26, 2010

गज़ल-२३

यँहा यस्तै छ दादा!
यँहा उस्तै छ दादा!!

खोइ गर्नु के हाम्ले!
संसार दुष्टै छ दादा!!

पारै लाग्ने नै छैन!
बिकास सुस्तै छ दादा!!

उनि यता त्यो उता!
देशनै लुस्तै छ दादा!!

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